Supreme Court Ordered Karnataka To Release 4 Tmc Cauvery Water To Tamil Nadu Immediately - कावेरी जल विवाद: केंद्र ने कहा- पीएम कर्नाटक चुनाव में व्यस्त हैं, Sc ने लगाई फटकार - Rajasthani Media

Breaking

Home Top Ad

Responsive Ads Here

Post Top Ad

Responsive Ads Here

गुरुवार, 3 मई 2018

Supreme Court Ordered Karnataka To Release 4 Tmc Cauvery Water To Tamil Nadu Immediately - कावेरी जल विवाद: केंद्र ने कहा- पीएम कर्नाटक चुनाव में व्यस्त हैं, Sc ने लगाई फटकार

[ad_1]



न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Thu, 03 May 2018 05:19 PM IST



ख़बर सुनें



कावेरी जल विवाद पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक को आदेश दिया है कि वह तमिलनाडु को तुरंत 4 टीएमसी पानी दे। कोर्ट ने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि तमिलनाडु ऐसा ना कर पाया तो उसे गंभीर अंजाम भुगतने पड़ेंगे। कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह मंगलवार तक एक हलफनामा दाखिल कर बताए कि उसने कावेरी जल विवाद को निपटाने के लिए क्या कदम उठाए हैं। 

सुप्रीम कोर्ट में सरकार का पक्ष रख रहे अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा, कावेरी नदी के जल बंटवारे से संबंधित विधेयक कैबिनेट के समक्ष रखा जा चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेश यात्रा के बाद फिलहाल कर्नाटक चुनाव में व्यस्त हैं, इस वजह से अभी तक विधेयक को मंजूरी नहीं मिल पाई है। बता दें कि पीएम पिछले कुछ दिनों से लगातार कर्नाटक में एक के बाद एक कई रैलियां कर रहे हैं। 

वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया है कि वह इस मामले की सुनवाई 12 मई तक के लिए टाल दें क्योंकि इस दिन कर्नाटक में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसपर कोर्ट ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि कर्नाटक चुनाव से हमारा कोई लेना-देना नहीं है और न ही यह हमारी चिंता है। कर्नाटक सरकार को तमिलनाडु के लिए तुरंत पानी छोड़ना होगा। 

तमिलनाडु के वकील शेखर नापहडे ने केंद्र पर कावेरी के पानी को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि तमिलनाडु के प्रति इस तरह का व्यवहार संघीय राजनीति में शोभा नहीं देता है। उन्होंने कहा कि कोर्ट द्वारा पानी के बंटवारे को लेकर एक योजना बनाने का आदेश देने के 2 महीने बाद भी कुछ नहीं हुआ है। हम अपने लोगों से क्या कहें?

बता दें कि इसी साल जनवरी में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कावेरी नदी के पानी के बंटवारे के लिए एक मैनेजमेंट बोर्ड का गठन करने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि नदी के पानी पर किसी भी राज्य का मालिकाना हक नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट ने कावेरी जल विवाद ट्रिब्यूनल के फैसले के अनुसार तमिलनाडु को जो पानी मिलना था, उसमें कटौती की और बेंगलुरू की जरूरतों का ध्यान रखते हुए कर्नाटक को मिलने वाले पानी की मात्रा में 14.75 टीएमसी का इजाफा किया था।



कावेरी जल विवाद पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक को आदेश दिया है कि वह तमिलनाडु को तुरंत 4 टीएमसी पानी दे। कोर्ट ने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि तमिलनाडु ऐसा ना कर पाया तो उसे गंभीर अंजाम भुगतने पड़ेंगे। कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह मंगलवार तक एक हलफनामा दाखिल कर बताए कि उसने कावेरी जल विवाद को निपटाने के लिए क्या कदम उठाए हैं। 


सुप्रीम कोर्ट में सरकार का पक्ष रख रहे अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा, कावेरी नदी के जल बंटवारे से संबंधित विधेयक कैबिनेट के समक्ष रखा जा चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेश यात्रा के बाद फिलहाल कर्नाटक चुनाव में व्यस्त हैं, इस वजह से अभी तक विधेयक को मंजूरी नहीं मिल पाई है। बता दें कि पीएम पिछले कुछ दिनों से लगातार कर्नाटक में एक के बाद एक कई रैलियां कर रहे हैं। 

वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया है कि वह इस मामले की सुनवाई 12 मई तक के लिए टाल दें क्योंकि इस दिन कर्नाटक में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसपर कोर्ट ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि कर्नाटक चुनाव से हमारा कोई लेना-देना नहीं है और न ही यह हमारी चिंता है। कर्नाटक सरकार को तमिलनाडु के लिए तुरंत पानी छोड़ना होगा। 

तमिलनाडु के वकील शेखर नापहडे ने केंद्र पर कावेरी के पानी को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि तमिलनाडु के प्रति इस तरह का व्यवहार संघीय राजनीति में शोभा नहीं देता है। उन्होंने कहा कि कोर्ट द्वारा पानी के बंटवारे को लेकर एक योजना बनाने का आदेश देने के 2 महीने बाद भी कुछ नहीं हुआ है। हम अपने लोगों से क्या कहें?

बता दें कि इसी साल जनवरी में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कावेरी नदी के पानी के बंटवारे के लिए एक मैनेजमेंट बोर्ड का गठन करने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि नदी के पानी पर किसी भी राज्य का मालिकाना हक नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट ने कावेरी जल विवाद ट्रिब्यूनल के फैसले के अनुसार तमिलनाडु को जो पानी मिलना था, उसमें कटौती की और बेंगलुरू की जरूरतों का ध्यान रखते हुए कर्नाटक को मिलने वाले पानी की मात्रा में 14.75 टीएमसी का इजाफा किया था।





[ad_2]

Source link

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here

Pages